स्किन पर दिखने वाले ये 5 संकेत करते हैं सन डैमेज का इशारा

धूप हमारे लिए विटामिन-डी का एक अहम सोर्स है, लेकिन ज्यादा तेज धूप में बिना किसी सेफ्टी लेयर के संपर्क में आना त्वचा के लिए घातक साबित हो सकता है। सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा के सेल्स को नुकसान पहुंचाती हैं, जिसे सन डैमेज कहा जाता है।
सन डैमेज का असर अक्सर तुरंत दिखाई नहीं देता, बल्कि समय के साथ त्वचा पर अपने संकेत छोड़ता है। अगर इन पर समय रहते ध्यान न दिया जाए या बचाव के लिए सावधानी न बरती जाए, तो स्किन कैंसर का रिस्क काफी बढ़ जाता है। आइए जानें सन डैमेज होने पर स्किन पर कैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
त्वचा का रंग खराब होना और सनस्पॉट्स
सन डैमेज का सबसे आम और साफ संकेत है त्वचा पर अनियमित काले या भूरे रंग के धब्बे उभरना। इन्हें सनस्पॉट्स, एज स्पॉट्स या लिवर स्पॉट्स भी कहा जाता है। ये आमतौर पर उन जगहों पर दिखाई देते हैं जो सीधे तौर पर धूप के संपर्क में आती हैं, जैसे चेहरा, हाथ, कंधे और पीठ। यह त्वचा में मेलानिन के असंतुलन के कारण होते हैं, जो यूवी किरणों से खुद को बचाने की कोशिश करती है।
त्वचा का रूखा, खुरदुरा और झुर्रियों वाला होना
अगर आपकी त्वचा समय से पहले ही रूखी, खुरदुरी और झुर्रियों से भरने लगी है, खासकर आंखों के आसपास, माथे और होंठों के पास, तो इसकी एक कारण सन डैमेज हो सकता है। यूवी किरणें त्वचा की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे त्वचा अपनी इलास्टिसिटी खो देती है और झुर्रियां पड़ने लगती हैं। इसे’फोटोएजिंग’ कहते हैं, जो उम्र बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया से कहीं ज्यादा तेज और गहरी होती है।
रेडनेस और टैनिंग
त्वचा का तुरंत टैन हो जाना या रेडनेस भी सन डैमेज का एक अहम संकेत है। यूवी किरणों से खुद को बचाने के लिए स्किन ज्यादा मेलानिन बनाती है, जिसके कारण टैनिंग होती है। बार-बार टैन होने से त्वचा के सेल्स डैमेज हो सकते हैं। वहीं, रेडनेस स्किन बर्न होने का संकेत है, जो लंबे समय में स्किन कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकता है।
त्वचा का पतला और नाजुक होना
लंबे समय तक धूप में रहने वालों की त्वचा अक्सर पतली होने लगती है, जिसमें नीली नसें साफ नजर आती हैं। यूवी किरणें त्वचा की ऊपरी परत और निचली परत दोनों को पतला कर देती हैं, जिससे त्वचा की इलास्टिसिटी में कमी आ जाती है। इससे त्वचा आसानी से छिल जाती है और चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है।
एक्टिनिक केराटोसिस
यह सन डैमेज का एक गंभीर और चिंताजनक संकेत है। इसमें त्वचा पर छोटे, खुरदुरे, लाल या भूरे रंग के धब्बे या उभार दिखाई देते हैं। यह अक्सर उन जगहों पर होता है जो लगातार धूप के संपर्क में रहती हैं। एक्टिनिक केराटोसिस प्री-कैंसरस माना जाता है, यानी अगर इसका समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह स्किन कैंसर में बदल सकता है।